क्या है कहानी: फिल्म की कहानी लाइगर (विजय देवरकोंडा) की है, जिसकी मां बालामणि (राम्या कृष्णन) ने उसे पाला पोसा है। लाइगर हकलाता है, लेकिन उसके फाइटिंग स्किल्स काफी तगड़े हैं।

लाइगर के पिता के निधन के बाद बालामणि ने लाइगर को अकेले और काफी मुश्किलों का सामना करते हुए पाला पोसा है। लाइगर को एमएमए फाइट के लिए रोनित रॉय ट्रेन करते हैं और काफी कुछ सिखाते हैं।

फिल्म में अनन्या पांडे ने तान्या का किरदार निभाया है, जो लाइगर के लव इंट्रेस्ट में है। फिल्म में माइक टाइसन, चंकी पांडे और अली का कैमियो देखने को मिलता है।

कैसी है एक्टिंग और निर्देशन: फिल्म में विजय देवरकोंडा, अनन्या पांडे, राम्या कृष्णन और रोनित रॉय  प्रमुख किरदारों में हैं।

वहीं राम्या कृष्णन को देखकर ऐसा लगता है कि वो अब भी बाहुबली की शिवगामी देवी के किरदार में हैं, हालांकि वो एक बेहतरीन एक्ट्रेस हैं और उनसे काफी उम्मीदे थीं।

फिल्म में सबसे दमदार काम रोनित रॉय का है और स्क्रीन पर उनकी मजबूत प्रेजेंस देखने को मिलती है। वहीं विजय देवरकोंडा ने डूबती लाइगर को संभालने का काम किया है।

कहां मात खाई लाइगर: लाइगर न सिर्फ तकनीकी तौर पर बल्कि कहानी के तौर पर भी काफी कमजोर फिल्म साबित होती है। फिल्म के वीएफएक्स से लेकर सिनेमैटोग्राफी तक काफी हल्की है।

देखें या नहीं: लाइगर एक टिपिकल साउथ इंडियन फिल्म है, जिस में कुछ भी ऐसा अलग नहीं है, जो आपने न देखा हो या फिर इससे बेहतर न देखा हो।

फिल्म में देखने लायक सिर्फ रोनित रॉय और विजय देवरकोंडा ने काम किया है, तो ऐसे में अगर आप इन दोनों के फैन्स हैं तो आप ये फिल्म देख सकते हैं, वरना फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे आप मिस करें।