राशन कार्ड को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही सख्त होते जा रहे हैं. पहले राशन कार्ड सरेंडर करने को लेकर खूब खबरें आ थी, जिसमें कहा जा रहा था कि सरकार अपात्रों से वसूली करेगी.

हालांकि बाद में इस पर सरकार अपना बयान जारी कर बताया था, कि सरकार ने वसूली पर कोई विचार नहीं किया है. अब एक बार फिर सरकार एक्शन में दिख रही है.

यूपी सरकार की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, सरकार अपात्रों का नाम काट कर उसकी जगह पत्रों का नाम जोड़ेगी, जिससे ऐसे लोग जो पात्र हैं और लाभ नहीं ले पा रहे हैं, उन्हें फायदा होगा.

दरअसल, सरकार का साल 2011 की जनगणना के अनुसार राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा हो चुका है.अब नए राशन कार्ड नहीं बनाए जा सकते.

ऐसे में, सरकार केवल जरूरतमंदों को ही फ्री राशन का फायदा देने के लिए अपात्रों का का नाम काट कर वहां पत्रों का नाम जोड़ रही है. इसकी शुरुआत यूपी के अलग-अलग ज‍िलों से हो चुकी है.

आपको बता दें कि चुकी सरकार नए नाम नहीं जोड़ सकती है इसलिए नए राशन कार्ड के ल‍िए आवेदन को जगह देने के लिए पुराने कार्डों की जांच की जा रही है,

और अपात्र पाए गए लोगों का राशन कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं. इसके बाद, निरस्त किए गए अपात्र लोगों के कार्ड के स्‍थापन पर ही नए जरूरतमंद पात्रों को राशन योजना का फायदा द‍िया जा रहा है.

गौरतलब है कि साल 2021 में कोरोना के मामले बढ़ने के कारण जनगणना नहीं हो पाई थी. इसलिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के ल‍िए जनसंख्या अनुपात को बढ़ाना जरूरी हो गया है

इसके तहत प्रदेश के जिला पूर्ति कार्यालय और तहसील स्‍तर के पूर्ति कार्यालय में आने वाले नए राशन कार्ड के आवेदनों को जमा कर ल‍िया जाता है.

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