क्रिकेट का भगवान सचिन तेंदुलकर बच्चा था और क्रिकेट सुपरस्टार विराट कोहली तो तब पैदा भी नहीं हुआ था। क्रिकेट की दुनिया की सबसे खूंखार टीम वेस्टइंडीज को वर्ल्डकप में हरा कर भारत ने उस में हासिल किया था
उस दौरान क्रिकेट के मैदान में क्या हुआ था, यह तो हम सबने फिर भी सुना होगा, लेकिन उस जीत ने कैसे आने वाली पीढ़ियों को इस खेल का दीवाना बना दिया। यह इस फिल्म में कबीर खान बखूबी दिखाते हैं।
फिल्म के दौरान कई बार तो आपको एहसास ही नहीं होता कि आप उस जीत के 38 साल बाद सिनेमाघर में उस अविस्मरणीय कहानी को देख रहे हैं, जिसे एक ऐसी टीम ने जीवंत किया था
जिसे क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में एंट्री की अनुमति भी नहीं थी और जिसकी भारत वापसी की टिकटें सेमीफाइनल से पहले की बुक थीं।
अगर इसे पूरी तरह कपिल देव का रोल करने वाले रणवीर सिंह की फिल्म कहा जाए, अपने रोल्स को डूब कर करने वाले रणवीर सिंह ने अपने फिल्मी कैरियर का एक और शानदार रोल इस फिल्म में किया है।
छोटे मगर शानदार रोल में दीपिका पादुकोण जानदार लगी हैं, तो टीम मैनेजर के रोल में पंकज त्रिपाठी और साकिब सलीम सहित दूसरे सभी टीम मेंबर्स ने जोरदार ऐक्टिंग की है।
भले ही आप क्रिकेट से सरोकार रखते हों या ना रखते हों, लेकिन सपनों को सच होते देखने की इस दास्तान को सिनेमा पर देखना मिस न करें।